The Ultimate Guide To shri shiv chalisa lyrics
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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
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प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
इनमें से सोमवार को भगवान शिव की पूजा में क्या चढ़ाना शुभ होता है?
दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुँचित केसा।।
जय सन्तोषी मात अनूपम। check here शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
Lord, in the event the ocean was churned as well as the fatal poison emerged, out of your respective deep compassion for all, You drank the poison and saved the earth from destruction. Your throat turned blue, So You will be called Nilakantha.